Saturday, October 26, 2024

सांख्यिकी का मुलभूत ज्ञान


 

डेटा एनालिटिक्स में सांख्यिकी का मुलभूत ज्ञान बेहद आवश्यक है क्योंकि यह डेटा को व्यवस्थित, विश्लेषित, और सही ढंग से समझने में मदद करता है। चाहे हमें डेटा के औसत मान को जानना हो, विभिन्न घटनाओं की संभावना का अनुमान लगाना हो, या फिर दो अलग-अलग समूहों के बीच संबंध की पहचान करनी हो, सांख्यिकी के ये बुनियादी सिद्धांत डेटा को संपूर्णता से समझने में सहायक होते हैं। इन अवधारणाओं का उपयोग डेटा की गुणवत्ता का आकलन करने, भविष्यवाणियाँ करने और महत्वपूर्ण निर्णय लेने में किया जाता है। इस लेख में, हम डेटा एनालिटिक्स में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण सांख्यिकी सिद्धांतों को सरल भाषा में समझाएंगे ताकि आप डेटा को गहराई से समझ सकें -

1. वर्णनात्मक सांख्यिकी (Descriptive Statistics)

माध्य (Mean): किसी समूह के सभी नंबरों को जोड़कर, उनकी कुल संख्या से विभाजित करें। दुसरे शब्दों में इसे हम औसत भी कह सकते हैं

जैसे, अगर तीन लोगों की उम्र 20, 25, और 30 साल है, तो माध्य (Mean) होगा  (20 + 25 + 30) ÷ 3 = 25

माध्यिका (Median): डेटा को छोटा से बड़ा क्रम में रखकर बीच का मान चुनें। अगर उम्र के आंकड़े 20, 27, और 30 हैं, तो मीडियन 27 होगा।

बहुलक (Mode): सबसे ज्यादा बार आने वाला मान। जैसे, अगर किसी दुकान पर रोज़ाना की बिक्री में सबसे ज्यादा बार 100 रुपये का आंकड़ा आता है, तो मोड 100 होगा।

वैरिएंस और स्टैंडर्ड डेविएशन: यह देखते हैं कि डेटा मीन से कितना अलग है। अगर एक स्कूल के सभी छात्रों के अंक करीब 80% हैं, तो फैलाव कम होगा; लेकिन अगर अंकों में ज्यादा फर्क है, तो फैलाव ज्यादा होगा।

 

2. प्रायिकता (Probability)

सरल प्रायिकता: किसी घटना के घटने की संभावना। जैसे, एक सिक्के को उछालने पर सिर या पूंछ आने की संभावना 50% होती है।

शर्तीय प्रायिकता (Conditional Probability): यह देखती है कि एक घटना के हो जाने पर दूसरी घटना होने की कितनी संभावना है। जैसे, अगर मौसम में बादल हैं तो बारिश होने की संभावना बढ़ जाती है।

बेज का प्रमेय (Bayes’ Theorem): यह एक घटना के घटने की संभावना को नई जानकारी के आधार पर अपडेट करता है। इसे किसी घटना के होने की संभावना को बदलने के लिए उपयोग किया जाता है जब हमारे पास नई जानकारी या सबूत उपलब्ध हो। यह वास्तविक दुनिया में तब बहुत उपयोगी होता है जब हमें किसी घटना की प्रारंभिक संभावना को नई जानकारी के आधार पर संशोधित करना होता है।

यह मशीन लर्निंग में उपयोग होता है, जैसे कि ईमेल स्पैम फिल्टरिंग में।

 

3. सैम्पलिंग और सैम्पलिंग वितरण (Sampling and Sampling Distributions)

रैंडम सैम्पलिंग: बड़ी जनसंख्या का छोटा हिस्सा चुनने की तकनीक। जैसे, किसी शहर के 1000 लोगों का सर्वे करने के बजाय 100 लोगों से बातचीत कर उनकी राय जानना।

सैम्पलिंग वितरण: यह सभी संभावित नमूनों का एक प्रकार का औसत है, जो पूरे समूह का प्रतिनिधित्व करता है।

 

4. परिकल्पना परीक्षण (Hypothesis Testing)

शून्य और वैकल्पिक परिकल्पना (Null Hypothesis): शून्य परिकल्पना कहती है कि कोई बदलाव या अंतर नहीं है, और वैकल्पिक कहती है कि बदलाव है। जैसे, कोई दावा करता है कि नया दवा असरदार है; शून्य परिकल्पना कहेगी कि दवा का असर नहीं है।

p-Value: यह दिखाता है कि क्या फर्क या असर महत्वपूर्ण है। अगर p-Value 0.05 से कम है, तो परिणाम को महत्वपूर्ण माना जाता है।

t-टेस्ट और z-टेस्ट: ये दो समूहों में फर्क को मापने के लिए उपयोग किए जाते हैं।


5. विश्वास अंतराल (Confidence Intervals)

यह एक अनुमान है कि किसी जनसंख्या का मीन एक निश्चित सीमा के भीतर हो सकता है। जैसे, अगर सर्वे में 95% विश्वास के साथ 50-60% लोगों का समर्थन मिलता है, तो वास्तविक आंकड़ा 50-60% के बीच हो सकता है।


6. सहसंबंध और कारणता (Correlation and Causation)

सहसंबंध (Correlation): यह दो चीजों के बीच संबंध को मापता है। जैसे, गर्मियों में आइसक्रीम की बिक्री और तापमान के बीच सहसंबंध है, क्योंकि दोनों एक साथ बढ़ते हैं।

कारणता (Causation): यह बताती है कि एक घटना दूसरी का कारण है।

मुर्गा हर सुबह बांग देता है यह भी सोचा जा सकता है कि मुर्गे की बांग देने से सूरज उगता है हालांकि, वास्तविकता यह है कि मुर्गा सुर्योदय से पहले बांग देता है, लेकिन सुर्योदय मुर्गे की बांग देने का परिणाम नहीं है।

 

7. प्रतिगमन विश्लेषण (Regression Analysis)

सरल रैखिक प्रतिगमन: दो चीजों के बीच संबंध का एक सीधा रेखा द्वारा मॉडल बनाना। जैसे, उम्र और आय के बीच संबंध देखकर आय का अनुमान लगाना।

मल्टीपल रिग्रेशन: कई कारकों पर आधारित अनुमान लगाना, जैसे शिक्षा, अनुभव, और उम्र को मिलाकर किसी की आय का अनुमान लगाना।

 

8. एनोवा (ANOVA - Analysis of Variance)

यह देखता है कि तीन या अधिक समूहों के औसत एक-दूसरे से अलग हैं या नहीं। जैसे, तीन अलग-अलग शहरों में औसत वेतन की तुलना करना।

 

9. समय श्रृंखला विश्लेषण (Time Series Analysis)

ट्रेंड एनालिसिस: समय के साथ डेटा में किसी पैटर्न को पहचानना। जैसे, पिछले सालों में किसी कंपनी के बिक्री के आंकड़े देखना।

सीज़नैलिटी (Seasonality): समय-समय पर आने वाले पैटर्न को समझना, जैसे त्योहार के समय बिक्री बढ़ जाती है।

 

10. डेटा वितरण और सामान्यता (Data Distribution & Normality)

सामान्य वितरण: इसमें अधिकांश डेटा एक औसत के आसपास बंटा होता है। जैसे, क्लास में अधिकांश बच्चों के अंक औसत के आसपास होंगे।

स्क्यूनस और कुर्टोसिस: यह देखता है कि डेटा किस ओर झुका है या कितना फैला हुआ है। अगर कुछ बच्चे बहुत ज्यादा अच्छे या बहुत कम अंक लाते हैं, तो डेटा असामान्य हो सकता है।

 ये बुनियादी सांख्यिकी अवधारणाएँ डाटा एनालिटिक्स में डेटा को समझने और सही निष्कर्ष तक पहुँचने में मदद करती हैं।

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