कच्चे डेटा (Raw Data) का विश्लेषण करने से पहले उसकी गुणवत्ता और उपयोगिता
सुनिश्चित करने के लिए कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। कच्चे डेटा में
निम्नलिखित बिंदु महत्वपूर्ण होते हैं:
1. डेटा की पूर्णता (Completeness)
- डेटा में मिसिंग वैल्यूज (Missing Values) को पहचानें।
किसी विशेष कॉलम या फ़ील्ड में बहुत अधिक मिसिंग वैल्यू हो सकती हैं, जो डेटा की
उपयोगिता को प्रभावित करती हैं।
- चेक करें कि क्या सभी आवश्यक डेटा पॉइंट्स मौजूद हैं और सभी
रिकॉर्ड्स पूर्ण हैं।
2. डेटा की सटीकता (Accuracy)
- डेटा का स्रोत और संग्रहण प्रक्रिया की जांच करें। जानें कि
डेटा कितनी सटीकता से और किस प्रकार एकत्रित किया गया है।
- डेटा में त्रुटियाँ (Errors) जैसे गलत एंट्री, डुप्लिकेट्स,
या टाइपिंग
मिस्टेक्स की जाँच करें।
उदाहरण: मान लें कि किसी कर्मचारी की सैलरी को 50,000 रुपये की बजाय गलती से 5,00,000 रुपये दर्ज कर लिया गया। यह सटीकता की कमी का उदाहरण है और डेटा एनालिसिस में भ्रम पैदा कर सकता है, क्योंकि औसत सैलरी का आकलन गलत होगा।
3. संगतता (Consistency)
- डेटा की एकरूपता सुनिश्चित करें। किसी भी अनियमितता,
जैसे कि नाम या
कैटेगरी में भिन्नता, का पता लगाएँ। उदाहरण के लिए, एक कॉलम में "Yes"
और "YES"
एक ही चीज़ को
दर्शाते हैं, लेकिन दोनों की उपस्थिति संगतता को प्रभावित कर सकती है।
- समय के साथ किसी विशेष फ़ील्ड या मेट्रिक में बदलावों की
संगतता की जाँच करें।
4. प्रासंगिकता (Relevance)
- जांचें कि क्या डेटा विश्लेषण के उद्देश्य के लिए उपयुक्त
और प्रासंगिक है। अनावश्यक कॉलम्स और मेटाडेटा को हटा दें, ताकि एनालिसिस अधिक सटीक
हो।
उदाहरण: यदि आप स्कूल के छात्रों की पढ़ाई की आदतों पर अध्ययन कर रहे हैं, तो उनकी जन्मतिथि पर आधारित डेटा प्रासंगिक नहीं है। इससे एनालिसिस में कोई खास मदद नहीं मिलेगी, बल्कि अनावश्यक डेटा की वजह से प्रोसेसिंग समय बढ़ सकता है।
- डेटा को अच्छी तरह से व्यवस्थित किया हुआ होना चाहिए।
उदाहरण के लिए, प्रत्येक कॉलम एक विशिष्ट विशेषता का प्रतिनिधित्व करे और
प्रत्येक रो एक विशिष्ट ऑब्जेक्ट या इकाई का प्रतिनिधित्व करे।
- अनस्टरक्चर्ड डेटा (जैसे टेक्स्ट) को एनालिसिस के लिए
संरचित (टैबलर फॉर्म) में बदलने की आवश्यकता हो सकती है।
उदाहरण: मान लें कि डेटा को एक टेबल में नहीं बल्कि एक लंबी टेक्स्ट फ़ाइल में लिखा गया है जिसमें हर रिकॉर्ड एक ही लाइन पर है। इसे संरचित डेटा में बदलना आवश्यक है ताकि टेबल में हर कॉलम को एक विशेषता और हर रो को एक रिकॉर्ड के रूप में पहचाना जा सके।
6. डुप्लिकेट डेटा (Duplicate
Data)
- डुप्लिकेट रिकॉर्ड्स की जांच करें, क्योंकि यह एनालिसिस को
ग़लत दिशा में ले जा सकता है। अनावश्यक डुप्लिकेट्स को हटाना आवश्यक है।
7. डेटा में आउटलेयर (Outliers)
डेटा में ऐसे असामान्य मान (Outliers) की पहचान करें जो सामान्य डेटा वितरण से अलग हैं। आउटलेयर का कारण समझना जरूरी है, क्योंकि वे या तो डेटा त्रुटि हो सकते हैं या महत्वपूर्ण जानकारी को दर्शा सकते हैं।
मान लीजिए कि फ्लाइट में 100 लोग हैं, और उनमें से प्रत्येक की औसत आय 50,000 रुपये है। इसका मतलब है कि सभी यात्रियों की कुल आय होगी:
100 X 50,000 = 50,00,000 रुपये
अब मान लें कि मुकेश अंबानी, जिनकी कुल संपत्ति लगभग 9 लाख करोड़ रुपये है, उसी फ्लाइट में बैठते हैं। ऐसे में कुल संपत्ति हो जाएगी:
50,00,000 + 9,00,00,00,00,000 = 9,00,50,00,000 रुपये
अब औसत संपत्ति होगी:
औसत संपत्ति = 9,00,50,00,00,000/101 (लगभग 8,91,58,41,584 रुपये)
यह नया औसत मूल औसत से कई गुना बढ़ गया है, जो समूह की वास्तविक आर्थिक स्थिति का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता। यही असामान्य मान (आउटलेयर) का प्रभाव है, क्योंकि मुकेश अंबानी की संपत्ति का निचले स्तर की आम संपत्ति से कोई संबंध नहीं है, लेकिन इस औसत से एक विकृत आंकड़ा उत्पन्न होता है। इस उदाहरण में मुकेश अंबानी आऊटलेयर है।
8. डेटा का स्वरूप और प्रारूपण
(Data Formatting)
- सभी डेटा पॉइंट्स का सही फॉर्मेट होना चाहिए, जैसे कि तिथि,
समय, मुद्रा,
और माप की
इकाइयाँ। गलत प्रारूप डेटा की व्याख्या को गड़बड़ कर सकता है।
- डेटा में एक समान यूनिट्स का प्रयोग होना चाहिए। जैसे वजन के लिए किलोग्राम और ग्राम का एक ही फॉर्मेट होना चाहिए।
9. डेटा का सुरक्षा और गोपनीयता (Data Security &
Privacy)
- व्यक्तिगत और संवेदनशील डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित करें।
डेटा को एनालिसिस के लिए उपयोग करने से पहले संवेदनशील जानकारी (जैसे नाम, ईमेल आदि) को
गुप्त करें।
10. समय-सापेक्षता (Timeliness)
- डेटा कितना पुराना है, इसकी जाँच करें। यदि डेटा
बहुत पुराना है, तो वह वर्तमान स्थिति को सही से दर्शा नहीं सकता।
उदाहरण के लिए किसी कंपनी के स्टॉक मूल्य का विश्लेषण करते समय नवीनतम डेटा का होना आवश्यक है। यदि हम 5 साल पुराना डेटा लेकर मौजूदा शेयर मूल्य का आकलन करने की कोशिश करेंगे, तो हमें उस कंपनी की वर्तमान वित्तीय स्थिति, बाजार की स्थितियों और नए आर्थिक परिवर्तनों का सही अंदाजा नहीं मिल पाएगा, और निवेश निर्णय गलत हो सकते हैं।
स्रोत और संदर्भ (Source & Reference)
- डेटा का स्रोत और उसके संग्रहण की प्रक्रिया का ज्ञान होना
चाहिए। इससे डेटा की विश्वसनीयता का पता चलता है।
इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए कच्चे डेटा को तैयार करने से डेटा एनालिसिस की गुणवत्ता और सटीकता बढ़ जाती है। यदि आप इनमें से किसी बिंदु पर विस्तार से चर्चा करना चाहते हैं, तो मुझे बताएं!
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