Saturday, October 26, 2024

डेटा विश्लेषण (एनालिटिक्स) में कच्चे डेटा का विश्लेषण: किन बातों का ध्यान रखें?



कच्चे डेटा (Raw Data) का विश्लेषण करने से पहले उसकी गुणवत्ता और उपयोगिता सुनिश्चित करने के लिए कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। कच्चे डेटा में निम्नलिखित बिंदु महत्वपूर्ण होते हैं:

 

1. डेटा की पूर्णता (Completeness)

   - डेटा में मिसिंग वैल्यूज (Missing Values) को पहचानें। किसी विशेष कॉलम या फ़ील्ड में बहुत अधिक मिसिंग वैल्यू हो सकती हैं, जो डेटा की उपयोगिता को प्रभावित करती हैं।

   - चेक करें कि क्या सभी आवश्यक डेटा पॉइंट्स मौजूद हैं और सभी रिकॉर्ड्स पूर्ण हैं।

 उदाहरण के लिए एक सर्वे में स्कूल के बच्चों से उनकी उम्र, कक्षा, और पसंदीदा विषय के बारे में जानकारी इकट्ठा की गई। अगर कुछ बच्चों की उम्र का डेटा मिसिंग है, तो यह सर्वे की पूर्णता को प्रभावित करता है। आयु के बिना यह आकलन करना मुश्किल हो जाएगा कि किसी कक्षा में बच्चों का औसत आयु क्या है।

2. डेटा की सटीकता (Accuracy)

   - डेटा का स्रोत और संग्रहण प्रक्रिया की जांच करें। जानें कि डेटा कितनी सटीकता से और किस प्रकार एकत्रित किया गया है।

   - डेटा में त्रुटियाँ (Errors) जैसे गलत एंट्री, डुप्लिकेट्स, या टाइपिंग मिस्टेक्स की जाँच करें।

उदाहरण: मान लें कि किसी कर्मचारी की सैलरी को 50,000 रुपये की बजाय गलती से 5,00,000 रुपये दर्ज कर लिया गया। यह सटीकता की कमी का उदाहरण है और डेटा एनालिसिस में भ्रम पैदा कर सकता है, क्योंकि औसत सैलरी का आकलन गलत होगा।

 

 3. संगतता (Consistency)

   - डेटा की एकरूपता सुनिश्चित करें। किसी भी अनियमितता, जैसे कि नाम या कैटेगरी में भिन्नता, का पता लगाएँ। उदाहरण के लिए, एक कॉलम में "Yes" और "YES" एक ही चीज़ को दर्शाते हैं, लेकिन दोनों की उपस्थिति संगतता को प्रभावित कर सकती है।

   - समय के साथ किसी विशेष फ़ील्ड या मेट्रिक में बदलावों की संगतता की जाँच करें।

उदाहरण: किसी कंपनी के डेटा में कर्मचारी की स्थिति को कभी "मैनेजर," कभी "Mgr" और कभी "Manager" लिखा गया है। यह संगतता की कमी है और डेटा का एनालिसिस करते समय अलग-अलग टर्म्स के लिए समान मान लेना मुश्किल हो सकता है। 

 4. प्रासंगिकता (Relevance)

   - जांचें कि क्या डेटा विश्लेषण के उद्देश्य के लिए उपयुक्त और प्रासंगिक है। अनावश्यक कॉलम्स और मेटाडेटा को हटा दें, ताकि एनालिसिस अधिक सटीक हो।

उदाहरण: यदि आप स्कूल के छात्रों की पढ़ाई की आदतों पर अध्ययन कर रहे हैं, तो उनकी जन्मतिथि पर आधारित डेटा प्रासंगिक नहीं है। इससे एनालिसिस में कोई खास मदद नहीं मिलेगी, बल्कि अनावश्यक डेटा की वजह से प्रोसेसिंग समय बढ़ सकता है।

  5. डेटा की संरचना (Data Structure)

   - डेटा को अच्छी तरह से व्यवस्थित किया हुआ होना चाहिए। उदाहरण के लिए, प्रत्येक कॉलम एक विशिष्ट विशेषता का प्रतिनिधित्व करे और प्रत्येक रो एक विशिष्ट ऑब्जेक्ट या इकाई का प्रतिनिधित्व करे।

   - अनस्टरक्चर्ड डेटा (जैसे टेक्स्ट) को एनालिसिस के लिए संरचित (टैबलर फॉर्म) में बदलने की आवश्यकता हो सकती है।

उदाहरण: मान लें कि डेटा को एक टेबल में नहीं बल्कि एक लंबी टेक्स्ट फ़ाइल में लिखा गया है जिसमें हर रिकॉर्ड एक ही लाइन पर है। इसे संरचित डेटा में बदलना आवश्यक है ताकि टेबल में हर कॉलम को एक विशेषता और हर रो को एक रिकॉर्ड के रूप में पहचाना जा सके।

 

 6. डुप्लिकेट डेटा (Duplicate Data)

   - डुप्लिकेट रिकॉर्ड्स की जांच करें, क्योंकि यह एनालिसिस को ग़लत दिशा में ले जा सकता है। अनावश्यक डुप्लिकेट्स को हटाना आवश्यक है।

 उदाहरण: किसी अस्पताल के मरीजों के रिकॉर्ड में एक ही मरीज का नाम, पता, और फोन नंबर दो बार दर्ज है। यह डुप्लिकेट डेटा है और रोगियों की संख्या का गलत अनुमान दे सकता है, जिससे संसाधन योजना में दिक्कत हो सकती है।

 7. डेटा में आउटलेयर (Outliers)

डेटा में ऐसे असामान्य मान (Outliers) की पहचान करें जो सामान्य डेटा वितरण से अलग हैं। आउटलेयर का कारण समझना जरूरी है, क्योंकि वे या तो डेटा त्रुटि हो सकते हैं या महत्वपूर्ण जानकारी को दर्शा सकते हैं।

मान लीजिए कि फ्लाइट में 100 लोग हैं, और उनमें से प्रत्येक की औसत आय 50,000 रुपये है। इसका मतलब है कि सभी यात्रियों की कुल आय होगी:


100 X 50,000 = 50,00,000 रुपये


अब मान लें कि मुकेश अंबानी, जिनकी कुल संपत्ति लगभग  9 लाख करोड़ रुपये है, उसी फ्लाइट में बैठते हैं। ऐसे में कुल संपत्ति हो जाएगी:

50,00,000 + 9,00,00,00,00,000 = 9,00,50,00,000 रुपये

अब औसत संपत्ति होगी:

औसत संपत्ति = 9,00,50,00,00,000/101  (लगभग 8,91,58,41,584 रुपये)


यह नया औसत मूल औसत से कई गुना बढ़ गया है, जो समूह की वास्तविक आर्थिक स्थिति का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता। यही असामान्य मान (आउटलेयर) का प्रभाव है, क्योंकि मुकेश अंबानी की संपत्ति का निचले स्तर की आम संपत्ति से कोई संबंध नहीं है, लेकिन इस औसत से एक विकृत आंकड़ा उत्पन्न होता है। इस उदाहरण में मुकेश अंबानी आऊटलेयर है।

 

 8. डेटा का स्वरूप और प्रारूपण (Data Formatting)

   - सभी डेटा पॉइंट्स का सही फॉर्मेट होना चाहिए, जैसे कि तिथि, समय, मुद्रा, और माप की इकाइयाँ। गलत प्रारूप डेटा की व्याख्या को गड़बड़ कर सकता है।

   - डेटा में एक समान यूनिट्स का प्रयोग होना चाहिए। जैसे वजन के लिए किलोग्राम और ग्राम का एक ही फॉर्मेट होना चाहिए। 

9. डेटा का सुरक्षा और गोपनीयता (Data Security & Privacy)

   - व्यक्तिगत और संवेदनशील डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित करें। डेटा को एनालिसिस के लिए उपयोग करने से पहले संवेदनशील जानकारी (जैसे नाम, ईमेल आदि) को गुप्त करें।

 उदाहरण: एक बैंक के ग्राहक का डेटा जैसे उनका नाम, खाता संख्या, और बैलेंस सार्वजनिक रूप से शेयर कर दिया गया। यह गोपनीयता का उल्लंघन है, और संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ जाता है।

10. समय-सापेक्षता (Timeliness)

   - डेटा कितना पुराना है, इसकी जाँच करें। यदि डेटा बहुत पुराना है, तो वह वर्तमान स्थिति को सही से दर्शा नहीं सकता।

उदाहरण के लिए किसी कंपनी के स्टॉक मूल्य का विश्लेषण करते समय नवीनतम डेटा का होना आवश्यक है। यदि हम 5 साल पुराना डेटा लेकर मौजूदा शेयर मूल्य का आकलन करने की कोशिश करेंगे, तो हमें उस कंपनी की वर्तमान वित्तीय स्थिति, बाजार की स्थितियों और नए आर्थिक परिवर्तनों का सही अंदाजा नहीं मिल पाएगा, और निवेश निर्णय गलत हो सकते हैं।

 

स्रोत और संदर्भ (Source & Reference)

   - डेटा का स्रोत और उसके संग्रहण की प्रक्रिया का ज्ञान होना चाहिए। इससे डेटा की विश्वसनीयता का पता चलता है।

 उदाहरण: मान लें कि एक रिसर्चर ग्लोबल वार्मिंग पर रिपोर्ट तैयार कर रहा है और इसमें जलवायु परिवर्तन से संबंधित आंकड़े शामिल कर रहा है। अगर वह डेटा किसी विश्वसनीय स्रोत जैसे IPCC (Intergovernmental Panel on Climate Change) या NASA से लेता है, तो उसके निष्कर्ष अधिक विश्वसनीय माने जाएंगे। लेकिन अगर डेटा किसी अनजान या संदिग्ध वेबसाइट से लिया गया हो, तो उसके परिणाम संदिग्ध होंगे और उस पर भरोसा नहीं किया जा सकेगा।

इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए कच्चे डेटा को तैयार करने से डेटा एनालिसिस की गुणवत्ता और सटीकता बढ़ जाती है। यदि आप इनमें से किसी बिंदु पर विस्तार से चर्चा करना चाहते हैं, तो मुझे बताएं!

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